Sim Card Rule Change: 1 जुलाई से सिम कार्ड को लेकर बदल जाएंगे ये नियम, जान लें ये जरूरी बातें

पिछले मार्च में, दूरसंचार नियामक ट्राई ने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की थी। इन नए नियमों के अनुसार, यदि किसी सिम कार्ड को स्वैप या बदला जाता है, तो उस मोबाइल नंबर को सात दिनों तक किसी अन्य टेलीकॉम ऑपरेटर में पोर्ट नहीं किया जा सकेगा। ये नए नियम 1 जुलाई से लागू होने जा रहे हैं। आइए, इस बदलाव से जुड़ी सभी जानकारियों पर एक नजर डालते हैं।

Sim Card Rule Change: 1 जुलाई से सिम कार्ड को लेकर बदल जाएंगे ये नियम, जान लें ये जरूरी बातें
Sim Card Rule Change: 1 जुलाई से सिम कार्ड को लेकर बदल जाएंगे ये नियम, जान लें ये जरूरी बातें

मुख्य बिंदु:

1. सिम कार्ड से संबंधित नियमों में बदलाव की तैयारी में ट्राई।
2. इन परिवर्तनों की घोषणा मार्च में हुई थी, लेकिन इन्हें 1 जुलाई से लागू किया जाना था।
3. अब नया सिम कार्ड लेने के लिए पहचान और पते का प्रमाण आवश्यक होगा।

नई दिल्ली, टेक्नोलॉजी डेस्क। आज के युग में, स्मार्टफोन के बिना अपनी जिंदगी की कल्पना करना असंभव है। मौजूदा समय में, मोबाइल फोन एक आवश्यक उपकरण बन चुका है। यदि फोन को जीवन माना जाए, तो सिम कार्ड उसकी आत्मा है, जिसके बिना यह कोई कार्य नहीं कर सकता।

इस संदर्भ में यह महत्वपूर्ण है कि आप टेलीकॉम उद्योग में हो रहे परिवर्तनों, जैसे कि नए सिम कार्ड नियमों के बारे में पूरी जानकारी रखें। आपको सूचित कर दें कि मार्च 2024 में TRAI ने सिम कार्ड पोर्टेबिलिटी से संबंधित कुछ नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की थी। ये दिशा-निर्देश विशेष रूप से मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) पर लागू होते हैं, जिन्हें 1 जुलाई से प्रभावी किया जाएगा। यह बदलाव विशेष रूप से सिम स्वैप स्कैम को रोकने के उद्देश्य से किया जा रहा है।

नए सिम कार्ड नियम

ट्राई के अनुसार, मोबाइल ऑपरेटर एक निश्चित अवधि तक निष्क्रिय रहने वाले नंबरों को डिएक्टिवेट कर सकते हैं। यह उपाय सिम कार्ड के दुरुपयोग को रोकने में सहायक होता है। इसलिए, अपने सिम कार्ड को निष्क्रिय होने से बचाने के लिए उसे नियमित रूप से उपयोग में लाएं।

नया सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए अब मान्य पहचान पत्र और पता प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, कुछ मामलों में बायोमेट्रिक सत्यापन का भी उपयोग किया जाएगा। इसका उद्देश्य अवैध सिम कार्ड बिक्री को रोकना और सही उपयोगकर्ता की पहचान सुनिश्चित करना है।

इसके अतिरिक्त, किसी भी व्यक्ति के नाम पर जारी किए जाने वाले सिम कार्ड की संख्या की एक निश्चित सीमा होती है। यह सीमा अपराधियों को कई सिम कार्ड का दुरुपयोग करने से रोकने के लिए निर्धारित की गई है। इसलिए, आपके लिए यह जानना आवश्यक है कि आपके नाम पर कुल कितने सिम कार्ड जारी किए गए हैं।

इसके अतिरिक्त, अब प्रीपेड सिम कार्ड को भी पोस्टपेड कनेक्शन की तरह ही पहचान और पते के प्रमाण के साथ रजिस्टर करना अनिवार्य होगा। इस बदलाव से जिम्मेदारी बढ़ेगी और दुरुपयोग की संभावना कम हो जाएगी।

इसके अलावा, मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) के नियमों में परिवर्तन किए जाएंगे। अब, यदि आप अपना नंबर पोर्ट कराते हैं, तो आपका नंबर अगले सात दिनों तक किसी अन्य टेलीकॉम ऑपरेटर में पोर्ट नहीं किया जा सकेगा। इस अवधि के समाप्त होने के बाद ही आपका नंबर पोर्ट किया जाएगा।

मोबाइल यूजर्स इन बातों का रखें ध्यान

1. अपने सिम कार्ड को सक्रिय रखने के लिए इसका नियमित रूप से कॉल, टेक्स्ट और डेटा में उपयोग करें।

2. नया सिम कार्ड लेते समय आवश्यक पहचान पत्र और पता प्रमाण पत्र साथ रखें। इसके अलावा, बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के लिए भी तैयार रहें।

3. यूजर अपने नाम पर जारी किए जाने वाले सिम कार्ड की सीमा को जानें और अपने सिम कार्ड को उसी अनुसार मैनेज करें।

4. अगर आप प्रीपेड सिम का उपयोग करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि यह नए नियमों के अनुसार आपके मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटर के साथ रजिस्टर हो।

5. अगर आप अपना नंबर पोर्ट करा रहे हैं, तो सात दिन तक नंबर बंद रहने की स्थिति में एक वैकल्पिक नंबर का उपयोग करें, ताकि लोगों को आपके मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के बारे में पता रहे।

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