प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अंतर्गत सरकार योग्य महिलाओं को 5000 रुपए प्रदान करती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए योग्य महिलाएं इसके तहत आने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं। आइए इस योजना की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।
सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाती है, जिनमें से एक प्रमुख योजना प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना है। इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक गर्भवती महिला को 5000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसमें 3000 रुपये डिलीवरी के दौरान महिलाओं की पौष्टिक आहार संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए दिए जाते हैं और शेष 2000 रुपये डिलीवरी के बाद बच्चे के पोषण के लिए दिए जाते हैं।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना का लाभ सभी गर्भवती महिलाएं ले सकती हैं। इस योजना के तहत महिलाओं को दो या तीन किस्तों में 5000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है। कुछ राज्यों में यह राशि बढ़ाई भी गई है, जैसे राजस्थान में गर्भवती महिलाओं को दो किस्तों में कुल 6500 रुपये दिए जाते हैं।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य कामकाजी महिलाओं को उनके मजदूरी के नुकसान की भरपाई करना और उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना है। यह राशि गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार और पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने के लिए दी जाती है। इस योजना के तहत दी जाने वाली राशि सीधे लाभार्थी महिला के बैंक खाते में भेजी जाती है।
योजना के तहत, पहली किस्त के रूप में 1000 रुपये गर्भावस्था के पंजीकरण के समय दिए जाते हैं। दूसरी किस्त के 2000 रुपये तब मिलते हैं जब लाभार्थी ने छह महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच करवा ली हो। तीसरी किस्त के 2000 रुपये बच्चे का जन्म पंजीकरण होने और बच्चे को बीसीजी, ओपीवी, डीपीटी, और हेपेटाइटिस बी के टीकाकरण का पहला चक्र पूरा होने पर दिए जाते हैं। सरकारी नौकरी करने वाली महिलाएं इस योजना का लाभ नहीं उठा सकतीं।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना की जानकारी महिलाएं अपने नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र से प्राप्त कर सकती हैं। आवश्यक दस्तावेजों के साथ इस योजना के लिए आधिकारिक वेबसाइट pmmvy.wcd.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है, या महिलाएं अपने नजदीकी ईमित्र केंद्र पर जाकर भी आवेदन कर सकती हैं। इस योजना के लिए 19 वर्ष से अधिक आयु की गर्भवती महिलाएं आवेदन कर सकती हैं।
महिलाएं आवेदन प्रक्रिया में सहायता के लिए आंगनवाड़ी सहायिका, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, और आशा सहयोगिनी की मदद ले सकती हैं। आवेदक महिला के नाम से बैंक खाता होना आवश्यक है।
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