भारतीय शेयर बाजार में आज, 5 अगस्त को, बड़ी गिरावट देखी गई है। इस गिरावट का सबसे बड़ा कारण अमेरिका में मंदी की आशंका है। इसके अलावा, इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का असर भी बाजार पर दिखाई दे रहा है। बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दरों को 0.25% तक बढ़ाने और बॉन्ड खरीदारी को कम करने का प्रभाव भी बाजार पर पड़ा है। साथ ही, ओवरवैल्यूड शेयरों में मुनाफा वसूली भी देखने को मिली है।
5 अगस्त, सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखी गई, जब अमेरिका में संभावित मंदी की आशंका के चलते सेंसेक्स 2600 अंकों से अधिक टूट गया। इसी दौरान निफ्टी भी 24,000 अंक के स्तर से नीचे चला गया। इस गिरावट से निवेशकों को लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स 2686 अंकों की गिरावट के साथ 78,295 अंक तक गिर गया, जबकि निफ्टी 824 अंकों की गिरावट के बाद 26 जून के बाद पहली बार 24,000 अंक के नीचे आ गया। यह 4 जून के बाद की सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट है।
भारतीय शेयर बाजार के अलावा, विदेशी बाजारों में भी भारी गिरावट देखने को मिली है। अमेरिका से लेकर जापान तक के बाजारों में बड़ी गिरावट आई, जिसमें जापान का शेयर बाजार 10 फीसदी तक गिर गया। यह जापान में लगभग तीन दशकों में सबसे बड़ी गिरावट है।
अमेरिका में मंदी का डर: अमेरिका की बेरोजगारी दर पिछले तीन वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जो अब 4.3 प्रतिशत है। इस आर्थिक सूचकांक ने निवेशकों के बीच फिर से मंदी की संभावनाओं को लेकर चर्चा को बढ़ावा दिया है।
जापान के येन कैरी ट्रेड का असर: जापानी येन की मजबूती के चलते, निवेशक येन कैरी ट्रेड में अपनी पोजीशन को कम करने लगे हैं। बैंक ऑफ जापान ने ब्याज दरों को 0.25% तक बढ़ा दिया और बॉन्ड की खरीदारी घटा दी है, जिसके परिणामस्वरूप येन में मजबूती आई है। इस परिस्थिति में, निवेशकों को नुकसान से बचने के लिए अपनी पोजीशन घटानी पड़ रही है।
जिओ पॉलिटिक्स: ईरान और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों द्वारा इजराइल पर संभावित हमलों की आशंका बढ़ने से भू-राजनीतिक तनावों ने बाजार की धारणा को प्रभावित किया।
मुनाफा वसूली: बाजार विशेषज्ञ लंबे समय से शेयर बाजार के ओवर वैल्यूएशन पर चर्चा कर रहे हैं और एक बड़े करेक्शन की संभावना की बात कर रहे हैं। 5 अगस्त की गिरावट को कई लोग इस करेक्शन की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। वहीं, कुछ कंपनियों के जून तिमाही के नतीजे बाजार की उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे हैं।