वकालात आजकल एक उत्तम करियर विकल्प माना जाता है और इसकी मांग भी बढ़ रही है। यही कारण है कि आजकल अधिकांश युवा कानून क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं। यदि आप भी कानून में अपना अध्ययन करना चाहते हैं, तो पहले आपको एक बैचलर डिग्री प्राप्त करनी होगी। इसके बाद, आप मास्टर्स या पीएचडी की ओर बढ़ सकते हैं। अगर आप फिलहाल में ही फ़ीड का अध्ययन करना चाहते हैं, तो इसमें भी आपको आसानी से सक्षमता प्राप्त हो सकती है।
क्योंकि इसमें करियर के असीम संभावनाएं हैं। अब आपके मन में सवाल आएगा कि आप कानून में पीएचडी का कोर्स कैसे करेंगे? योग्यता क्या होगी? फीस कितनी देनी होगी? कौन-कौन से भारतीय यूनिवर्सिटी है? जहां पर आप कानून में पीएचडी का कोर्स कर सकते हैं। अगर आप उन सब के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं तो आज के आर्टिकल में phd Course In Law kaise kare उसके विषय में डिटेल जानकारी आपको देंगे चलिए जानते हैं
Phd course in law क्या होता हैं
पीएचडी कोर्स कानून के क्षेत्र में एक उच्चतम स्तरीय शैक्षिक पाठ्यक्रम होता है। इसकी अध्ययन अवधि आमतौर पर 3 से 5 वर्ष होती है और इसे करने के लिए अभ्यर्थी के पास लॉ में मास्टर डिग्री होनी चाहिए। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद, एक विद्यार्थी कॉलेज में प्रोफेसर या लेक्चरर बन सकता है और इसमें करियर के विभिन्न विकल्प होते हैं। आजकल, युवा कानून क्षेत्र में बहुत अधिक रुचि रखते हैं, जिसका कारण है कि इस पाठ्यक्रम का महत्व बढ़ रहा है।
Phd course in law Eligibility
भारत में पीएचडी कोर्स कानून के क्षेत्र में करने के लिए, छात्रों के पास कम से कम 55% अंकों के साथ लॉ में मास्टर डिग्री होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, वे PET, NET, आल इंडिया लॉ एंट्रेंस टेस्ट जैसे पीएचडी से जुड़े परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने के लिए योग्य होने चाहिए।
विदेश में पीएचडी कोर्स कानून के क्षेत्र में करने के लिए, अभ्यर्थियों के पास लॉ में मास्टर्स डिग्री होनी चाहिए। उन्हें LSAT एग्जाम पास करना होगा और कुछ विदेशी यूनिवर्सिटियों में SAT या GRE के मार्क्स भी आवश्यक हो सकते हैं। इसके साथ ही, एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट के अंक भी आवश्यक होंगे, जैसे IELTS अंक 7 या उससे अधिक और TOEFL अंक 100 या उससे अधिक।
विदेश की यूनिवर्सिटियों में एडमिशन के लिए एसओपी, एलओआर, सीवी/रिज्यूम, और पोर्टफोलियो भी जमा करने होते हैं।
Phd Law course Entrance exam
कानून क्षेत्र में एक Ph.D. कोर्स करने के लिए आपको निम्नलिखित प्रवेश परीक्षाओं में से किसी एक को पास करना आवश्यक हो सकता है:
- NET (National Eligibility Test)
- PET (Ph.D. Entrance Test)
- All India Law Entrance Test
इन परीक्षाओं को पास करने के बाद ही आपको किसी विशेष विश्वविद्यालय में Ph.D. Law course में प्रवेश मिलेगा।
Phd Law course Career option
अगर आप कानून के क्षेत्र में पीएचडी करते हैं, तो आपके लिए कई करियर ऑप्शन हो सकते हैं:
- प्रोफ़ेसर: विश्वविद्यालयों और कानूनी संस्थाओं में शिक्षा देने का मौका होता है।
- लेक्चरर: कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कानून के विषयों पर शिक्षा देने का कार्य।
- कॉलेज प्रिंसिपल: उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रशासनिक कार्य और नेतृत्व।
- जज: न्यायिक सेवाओं में न्यायिक अधिकारी के रूप में काम करना।
- वकील: न्यायिक सेवाओं में मुकाबला करने और अपने ग्राहकों की हितरक्षा करने का काम।
- कानूनी सलाहकार: सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं में कानूनी सलाह देना।
इन विभिन्न क्षेत्रों में आपको उच्च वेतन के मौके भी मिल सकते हैं, विशेष रूप से वकील और न्यायिक अधिकारी के पदों पर।
Top Indian Institute for phd Law course
मुझे यह समझने में मदद करें कि आप क्या चाह रहे हैं। क्या आपको किसी विशेष संस्थान के बारे में जानकारी चाहिए जहां भारत में कानून के क्षेत्र में पीएचडी कोर्स उपलब्ध है?
- एनएलयू, जोधपुर
- नालसार, हैदराबाद
- एसएलएस, पुणे
- एनयूजेएस, कोलकाता
- जीएनएलयू, गांधीनगर
- सिंबायोसिस यूनिवर्सिटी, पुणे
- बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
- एएमयू, अलीगढ़
- दिल्ली विश्वविद्यालय
पीएचडी कानून Syllabus
यदि आप कानून क्षेत्र में पीएचडी कोर्स कर रहे हैं, तो सिलेबस आमतौर पर विशिष्ट विश्वविद्यालय या संस्थान के अनुसार अलग होता है। निम्नलिखित कुछ विषयों का समावेश हो सकता है:
1. ह्यूमन राइट्स लॉ
2. इंटरनेशनल बिजनेस लॉ
3. पब्लिक लॉ
4. फाउंडेशन ऑफ बिजनेस लॉ
5. सिविल राइट्स लॉ
6. रिसर्च मेथेड्स इन लॉ
7. जी ग्लोबल बिजनेस एनवायरमेंट
8. ज्यूडिशल प्रोसेस लॉ एंड कोर्ट्स
9. लॉ एंड सोसाइटी इन हिस्टोरिकल पर्सपेक्टिव
10. एंटीट्रस्ट पॉलिसी
11. इंडस्ट्रियल ऑर्गेनाइजेशन
12. प्रोजेक्ट वर्क
इन विषयों में छात्रों को विशेषतः उनके शोध कार्यों और थीसिस को विकसित करने का मौका दिया जाता है। प्रत्येक विषय के तहत अध्ययन का संरचना और मुद्दे विशिष्टता से विभिन्न हो सकते हैं, जो छात्र के अध्ययन क्षेत्र और रुचियों पर निर्भर करता है।